Q. फैक्ट्री प्रणाली के विकास के किन्हीं दो कारणों को बताएं?
उत्तर-फैक्ट्री प्रणाली के विकास के दो कारण निम्न है
1. मशीनों एवं नए-नए यंत्रों का आविष्कार
2. मानव की आवश्यकता
Q. बुर्जुआ वर्ग की उत्पत्ति कैसे हुई?
उत्तर-औद्योगिकरण के फल स्वरुप ब्रिटिश सहयोग से भारत के उद्योग में पूंजी लगाने वाले उद्योगपति पूंजीपति बन गए समाज में तीन वर्गों का उदय हुआ पूंजीपति बुर्जुआ वर्ग एवं मजदूर वर्ग
Q. 18 वीं शताब्दी में भारत के मुख्य उद्योग कौन-कौन से थे?
उत्तर-भारतीय हस्तशिल्प उद्योग
Q. विरोधी करण से आप क्या तात्पर्य है?
उत्तर-कल कारखानों की स्थापना के बाद भारत में कुटीर उद्योग बंद होने के कगार पर पहुंच गया जिसे इतिहासकारों ने विरोधी करण की संज्ञा दे दी है
Q. औद्योगिक आयोग की नियुक्ति कब हुई? इसके क्या उद्देश्य थे?
उत्तर- 1916 में औद्योगिक युग की स्थापना हुई जिसका उद्देश्य था भारतीय उद्योग तथा व्यापार के भारतीय विश्व से संबंधित प्रश्नों के लिए सहायक क्षेत्रों का पता लगान
Q. औद्योगिकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए कृषि क्षेत्र में एवं उद्योग जगत में नई नई मशीनों की स्थापना करना पड़ता था कल कारखाने स्थापित करना औद्योगिकरण कहलाता है और इसके कारण मनुष्य के आर्थिक और सामाजिक जीवन में हुई परिवर्तन को औद्योगिकरण कांति कहते हैं
Q. औद्योगिकरण ने मजदूरों की आजीविका को किस तरह प्रभावित किया?
उत्तर- साधारण औद्योगिकरण ऐसी प्रक्रिया है जिसमें उत्पाद मशीन द्वारा कारखानों में होता है जिससे मजदूरों की आजीविका पर बुरा प्रभाव पड़ने लगता है क्योंकि मशीनों को संचालित करने के लिए कम संख्या में एवं विशेष मजदूर की आवश्यकता होती है
Q. स्लम पद्धति की शुरुआत कैसे हुई?
उत्तर-औद्योगिकरण के फल स्वरुप जमीन मालिकों द्वारा मजदूरों का शोषण होने लगा तो उनकी स्थिति दयनीय होती गई जिससे वह सुविधा वहीं घरों में रहने को बाध्य हो गए जिसे स्लम कहा जाने लगा
Q. न्यूनतम मजदूरी कानून कब पारित हुआ और इसके क्या उद्देश्य है?
उत्तर- न्यूनतम मजदूरी कानून 1848 में पारित हुआ जिसके द्वारा कुछ उद्योग में मजदूरों की दरें निश्चित की गई और कहा गया कि मजदूरी ऐसी होनी चाहिए जिससे मजदूर केवल अपना ही गुजारा ना कर सके बल्कि इससे कुछ और अधिक होता कि वह अपने कुशलता को भी बनाए रख सकें
Q. कोयला एवं लो उद्योग के अधिकरण के गति प्रदान की कैसे?
उत्तर- कोयला एवं लोहा दोनों को अधिकरण प्रक्रिया की रीढ़ माने जाते हैं क्योंकि कोयला इंजन की जरूरत को पूरा करता है और लोहा मशीन के निर्माण में काम आता है और कोई भी कारखाना बिना इंधन और मशीन केक नहीं चल सकता अतः कोयला एवं लोहा उद्योग के गति प्रदान करता है
Q. औद्योगिकरण कारणों का उल्लेख करें?
उत्तर- औद्योगिकरण के कारण निम्न है -आवश्यकता आविष्कार की जननी नई नई आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए तत्कालीन समय में उद्योग का विकास प्रारंभ हुआ नए-नए मशीनों का आविष्कार 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध धारे में ब्रिटेन में नए-नए यंत्रों एवं मशीनों के अधिकार में उद्योग जगत में ऐसी क्रांति का सूत्रपात किया जिससे औद्योगिकरण एवं उपनिवेशवाद दोनों का मार्ग प्रशस्त हुआ कोयला एवं लौकी प्रचुरता किसी भी उद्योग के प्रगति को एवं लोहे के उद्योग पर बहुत अधिक निर्भर करती है ब्रिटेन में लोहे एवं कोयले की खानें थी जिसमें औद्योगीकरण को बढ़ावा मिल फैक्ट्री प्रणाली की शुरुआत मशीनों एवं नए-नए यंत्रों के आविष्कार ने फैक्ट्री प्रणाली को विकसित किया व उपयोग तथा व्यापार के नए नए केंद्रों का जन्म हुआ सस्ते श्रम को उपलब्धता 18वीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में बड़ा बंदी प्रथा की शुरुआत हुई जिसमें जमींदारों ने छोटे-छोटे खेतों को खरीदकर बड़े-बड़े पार्क स्थापित कर लिए अपनी जमीन बेच देने वाले छोटे किसान मजदूर बन गए यह आजीविका उपार्जन के लिए काम धंधे की खोज में निकटवर्ती शहर चले गए इस तरह मशीन द्वारा फैक्ट्री में काम करने के लिए संख्या बढ़ भी तैयार हो जाते थे उत्पादन के क्षेत्र में सहायता पहुंचाई
Q. औद्योगिकीकरण के परिणाम स्वरूप हने वाले परिवर्तन पर प्रकाश डालें?
उत्तर- नगर का विकास 1850 से 1950 के बीच भारत में वस्त्र उद्योग उद्योग सीमेंट उद्योग कोयला उद्योग जैसे कई उद्योगों का विकास हुआ जिससे जमशेदपुर सिंदरी धनबाद डालमिया नगर इत्यादि नए व्यापार नगरों का विकास हुआ कुटीर उद्योग का पतन जैसे जैसे बड़े-बड़े मशीनों और यंत्रों का विकास हुआ वैसे वैसे शिल्प उद्योग बुनकर उद्योग इत्यादि कुटीर उद्योगों का पतन हो गया साम्राज्यवाद का विकास औद्योगिकरण के परिणाम स्वरूप बड़े पैमाने पर उत्पादन होना शुरू हुआ जिसकी खपत के रूप में उपनिवेशवाद कीबोर्ड हुई और आगे चलकर इस उपनिवेशवाद ने साम्राज्यवाद का रूप ले लिया समाज में वर्ग विभाजन एवं बुर्जुआ वर्ग का उदय औद्योगिकरण के फल स्वरुप ब्रिटिश सहयोग से भारत के उद्योग में पूंजी लगाने वाले उद्योगपति पूंजीपति बन गए समाज में 3 वर्ग का उदय हुआ पूंजीपति वर्ग बुजुर्गा वर्ग एवं मजदूर वर्ग फैक्ट्री मजदूर वर्ग का जन्म बड़े-बड़े उद्योग में कार्य करने वाले मजदूरों का उद्योगपतियों द्वारा शोषण होने लगा जिससे उनका जीवन स्तर काफी निम्न होता गया फल स्वरुप मजदूर वर्ग का जन्म हुआ
Q. उपनिवेशवाद से आप क्या समझते हैं? उद्योगी करें उपनिवेशवाद को जन्म दिया कैसे?
उत्तर-उपनिवेशवाद की व्याख्या विभिन्न कालों में विभिन्न विद्वानों द्वारा विभिन्न विभिन्न प्रकार से की गई है पर इतिहास की दृष्टि से उन्नत एवं शक्तिशाली देशों द्वारा पिछड़े और निर्मल देशों के राजनीतिक तथा आर्थिक की स्थिति को उपनिवेशवाद कहते हैं जैसे ही इंग्लैंड में औद्योगिकरण हुआ वैसे ही वह बड़ी-बड़ी प्रक्रिया की स्थापना होने लगी और कारखानों में विभिन्न प्रकार के औद्योगिक वस्तुओं का उत्पादन होने लगा के लिए विस्तृत बाजार की आवश्यकता पड़ेग व्यापारिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए उसने विभिन्न देशों की ओर रुख किया संसाधनों की प्रचुरता ने उसे भारत की तरफ व्यापार करने के लिए आकर्षित किया धीरे-धीरे उसने भारत की शक्ति का प्रयोग करें अपने उपनिवेश की स्थापना कर ली इस प्रकार उपनिवेशवाद का जन्म हुआ अन्य देशों जैसे पुर्तगाल फ्रांस अमेरिका इत्यादि देशों ने भी इस प्रकार से अपने उपनिवेश की स्थापना की
Q. कुटीर उद्योग के महत्व एवं उनकी उपयोगिता पर प्रकाश डालें?
उत्तर- कम पूंजी में घरेलू स्तर पर स्थापित उद्योग कुटीर उद्योग कहते हैं कुटीर उद्योग किसी भी राष्ट्र के विकास में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि इसमें देश की अधिकांश आबादी की भागीदारी होती है इसमें किसी विशेष तकनीक जानकारी की आवश्यकता नहीं होती इसमें श्रम पूंजी और समय तीनों कम लगते हैं तथा घर बैठे लोग अपना अपना काम कर लेते हैं इसका सबसे महत्वपूर्ण तो यह है कि इसमें घरेलू महिलाएं का योगदान भी सराहनीय होता है कुटीर उद्योग के कुछ प्रमुख उदाहरण है उनका रंग रोगन करना अचार बनाना पापड़ बनाना सिलाई कढ़ाई करना इत्यादि भारत में औद्योगिक करण के पूर्व कुटीर उद्योग काफी दीक्षित परंतु औद्योगिकरण के बाद उन्हें कच्चे माल के लाने पढ़ने लगे और धीरे-धीरे मृतप्राय हो गया कुटीर उद्योग की उपयोगिता निम्नलिखित है यह मध्यम एवं निम्न वर्ग के अधिकांश लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है यह घरेलू महिलाओं को भी रोजगार का अवसर प्रदान कराता है इसमें रोजगार की तलाश में जाने वाले लोगों के पलायन को रोकने में सहायता मिलती है यह सामाजिक आर्थिक प्रगति एवं संतुलित क्षेत्रफल विकास के लिए एक शक्तिशाली और जार का कार्य करता है यह कौशल में वृद्धि उत्पत्ति में वृद्धि तथा उपयोग तकनीक का बेहतर प्रयोग सुनिश्चित करता है
Q. औद्योगिकरण ने सिर्फ आर्थिक ढांचे को ही प्रभावित नहीं किया बल्कि राजनीतिक परिवर्तन का भी मार्ग प्रशस्त किया कैसे?
उत्तर- औद्योगिकरण ने आर्थिक ढांचे को तो परिवर्तित किया ही बल्कि राजनीतिक परिवर्तन का भी मार्ग प्रशस्त किया क्योंकि औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप कुलीनता का गौरव समाप्त हो गया श्रमिकों को जमींदारों के शोषण से मुक्ति मिल गई नए उद्योग केंद्रों में उनकी स्थिति पहले से अच्छी थी और उनकी आय भी बढ़ गई थी उनके जीवन स्तर में भी परिवर्तन हो गया था शहर में ऊंच-नीच का भेदभाव नहीं था इस व्यक्ति का महत्व बढ़ गया और लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता भी बढ़ गई मिल मालिक मजदूरों के शोषण के द्वारा अपनी पूंजी बढ़ा रहे थे मजदूर अपनी संगठन तथा ट्रेड यूनियन बनाकर और हड़ताल करके वह मिल मालिकों को अपनी मांग पूरी तरह के लिए विवश करने लगे इससे लोगों में नेतृत्व क्षमता का विकास होने लगा औद्योगिक क्रांति के कारण समाज में पूंजीवाद का विकास हुआ समाज में पूंजीवाद वर्ग का पूंजीवाद ने शासन और राजनीति को प्रभावित किया