Q. भौतिकी क्या है ?
उतर- यह विज्ञान की एक ऐसी शाखा है , जिसके अंतर्गत हमलोग प्रकृति में होनेवाली प्राकृतिक घटनाओं के बारे मे अध्ययन करते है ।
Q. प्रकाश क्या है ?
उतर- प्रकाश एक ऐसा बाहरी भौतिक कारक है , जिसक उपस्थिती मे हमलोग किसी वस्तु को देखने की अनुभुती प्राप्त करते है ।
- प्रकाश एक प्रकार की ऊर्जा है ।
- यह निर्वात में भी गमन करती है ।
- निर्वात में इसकी चाल 300000 km/S होता है ।
- प्रकाश सरल रेखा में गमन करती है ।
- प्रकाश एक विद्युत चुंबकीय तरंग है
- 19वीं शताब्दी में पाया गया कि यदि प्रकाश के पद में एक बहुत ही छोटी वस्तु रख दी जाए तो प्रकाश सीधे चलने के बजाय अपने पद से थोड़ा सा विचलित हो जाता है इस घटना का नाम विर्वतन दिया गया है
Q. किरण किसे कहते है ?
उत्तर – प्रकाश जिस पथ पर चलता है उसके दिशा को ही किरण कहते हैं ।
Q. किरण पुंज किसे कहते हैं ?
उतर- किरणों के समूह को किरण पुंज या प्रकाश पुंज करते हैं ।
यह तीन प्रकार के होते हैं:-
1. समानांतर किरण पुंज – समानांतर किरण पुंज वैसे किरण पुंज जिसमें सभी किरने आपस में समानांतर हो समानांतर किरण पुंज कहलाता है।
2. अभिसारी किरण पुंज – अभिसारी किरण पुंज वैसे किरण पुंज जिसके सभी किरण में एक बिंदु पर जमा होते हैं अभी साड़ी किरण पुंज कहलाते हैं।
3. अपसारी किरण पुंज – अपसारी किरण पुंज वैसे किरण पुंज जिनके सभी किरने एक दूसरे से फैलती हुई प्रतीत होती है अपसारी किरण पुंज कहलाता है।
Q. आत्मदीप्त पदार्थ किसे कहते है ?
उतर– ऐसा पदार्थ जो स्वयं प्रकाश का उत्सर्जन करता है आत्मदीप्त पदार्थ कहलाता है ।जैसे:- सूर्य , तारा , जुगनू आदि ।
Q. अदीप्त पदार्थ किसे कहते है?
उतर- ऐसा पदार्थ जो स्वयं प्रकाश उत्सर्जन नहीं करता है लेकिन प्रकाश की उपस्थिति में दिखाई देता है अदीप्त पदार्थ कहलाता है।
जैसे :- चंद्रमा , टेबल , कुर्सी आदि।
Q. प्रकाशीय माध्यम किसे कहते हैं?
उतर- यह एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां से प्रकाश की किरणें निकलकर नेत्र तक पहुंचती है प्रकाशीय माध्यम कहलाते हैं।
जैसे:- हवा , पानी, कांच ,अल्कोहल ,हीरा इत्यादि ।
प्रकाश माध्यम दो प्रकार के होते हैं:-
- समांगी माध्यम – यह एक ऐसा माध्यम है जिसके प्रत्येक भाग का गुण और बनावट एक समान होता है समांगी माध्यम कहलाता है ।
- विषमांगी माध्यम – यह एक ऐसा माध्यम है जिसके प्रत्येक भाग का गुण और बनावट एक समान नहीं होता है विषमांगी माध्यम कहलाता है ।
Q. प्रकाश के गमन के आधार पर पदार्थ कितने प्रकार के होते हैं?
उतर- प्रकाश के गमन के आधार पर पदार्थ तीन प्रकार के होते है:-
- पारदर्शी पदार्थ – वैसा पदार्थ जिनसे प्रकाश की किरणे पूर्णत: पार कर जाती है पारदर्शी पदार्थ कहलाते हैं । जैसे :-कांच ,पानी , हवा
- अपारदर्शी पदार्थ – ऐसा पदार्थ जिनसे प्रकाश की किरणे बाहर नहीं निकल पाते हैं अपारदर्शी पदार्थ कहलाते हैं ।जैसे :- ईट ,पत्थर
- पारभासी पदार्थ – वैसा पदार्थ जिनसे प्रकाश की किरणें अंशतः बाहर निकल पाते हैं परभासी पदार्थ कहलाते हैं । जैसे:- तेल लगा हुआ कागज .खींचा हुआ कांच।
Q. छाया किसे कहते हैं?
उतर- जब प्रकाश के गमन पथ पर किसी अपारदर्शी वस्तु को रख दिया जाता है तो प्रकाश की किरणें उन्हें पार नहीं कर पाती जिसके कारण उस वस्तु के पीछे एक अंधेरा क्षेत्र बनता है जिसे हम छाया कहते हैं ।
Q. प्रकाश का परावर्तन किसे कहते हैं?
उतर- जब प्रकाश की किरणें किसी सतह से टकराकर अपने ही माध्यम में लौट जाते हैं तो लौटने के इस घटना को ही प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।
Q. प्रकृति के आधार पर परावर्तक सतह कितने प्रकार के होते हैं व्याख्या करें?
उतर- प्रकृति के आधार पर परावर्तक सतह दो प्रकार के होते हैं :-
- नियमित परावर्तन – वैसा परावर्तन जो चिकनी और चमकीली सतह से नियमित रूप से होता है नियमित परावर्तन कहलाता है ।
2. अनियमित परावर्तन – वैसा परिवर्तन जो रुखड़ी और चमकीली सतह से नियमित रूप से होता है अनियमित परिवर्तन कहलाता है।
Q. परावर्तक सतह किसे कहते हैं ?
उतर- जिस सतह पर प्रकाश की किरणें आकर अपनी ही माध्यम में लौट जाती है उस सतह को ही परावर्तक सतह करते हैं।
Q. आपतित किरण किसे कहते हैं ?
उतर- परावर्तक सतह पर आने वाली किरण को आपतित किरण कहते हैं ।
Q. परावर्तित किरण किसे कहते हैं ?
उतर- परावर्तक सतह से जाने वाली किरणों को परावर्तित किरण करते हैं ।
Q. आपतन बिंदु किसे कहते हैं ?
उतर- परावर्तक सतह के जिस बिंदु पर आपतित किरण आती है उस बिंदु को ही आपतन बिंदु कहते हैं ।
Q. अभिलंब किसे कहते हैं ?
उतर- आपतन बिंदु पर डाले गए लम्ब को अभिलंब कहते हैं।
Q. आपतन कोण किसे कहते हैं ?
उतर- आपतित किरण और अभिलंब के बीच बने कोण को आपतन कोण कहते हैं ।
Q. परावर्तन कोण किसे कहते हैं ?
उतर- परावर्तित किरण और अभिलंब के बीच बने कोण को परावर्तन कोण कहते हैं।
Q. प्रकाश के परावर्तन के कितने नियम हैं?
उतर- प्रकाश के परावर्तन के दो नियम है:-
1. इस नियम के अनुसार आप अतीत किरण परावर्तित किरण और आप पर बिंदु पर डाला गया लंब तीनों एक ही पल होते हैं।
2. इस नियम के अनुसार आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता है यदि आपतन कोण को i से तथा परावर्तन कोण को r से सूचित किया जाता है
Q. विचलन कोण कसे कहते है ?
उतर- आपतित किरण के बढ़ाये गए भाग से परावर्तित किरण तक जो कोण बनता है , उसे विचलन कोण कहा जाता है | यह दो तरीको से बनता है |
1. घडी कि दिशा में
2. घडी कि विपरीत दिशा में
Q. वस्तु किसे कहते हैं?
उतर- जब दो या दो से अधिक आपतीत किरणे किसी बिंदु पर मिलती है या मिलती हुई प्रतीत होती है तो उस बिंदु को वस्तु कहा जाता है।
यह दो प्रकार का होता है:-
1.वास्तविक वस्तु
2. काल्पनिक वस्तु
Q. प्रतिबिंब किसे कहते हैं ?
उतर- जब दो या दो से अधिक परावर्तित किरण किसी बिंदु पर मिलने या मिलती में प्रतीत होती है तो उस बिंदु को प्रतिबिंब कहा जाता है।यह दो प्रकार के होते हैं :-
1.काल्पनिक प्रतिबिंब
2. वास्तविक प्रतिबिंब
Q. क्या काल्पनिक वस्तु का वास्तविक प्रतिबिंब संभव है – हां या ना।
उतर- हां
Q. प्रतिबिंब किसे कहते हैं ?
उतर- किसी प्रकाश स्रोत से आ रही प्रकाश की किरणे परावर्तन या अपवर्तन के बाद जिस बिंदु पर मिलती है या मिलती हुई प्रतीत होती है तो उस बिंदु को उस वस्तु का प्रतिबिंब कहते हैं, यह दो प्रकार के होते हैं :-
1. वास्तविक प्रतिबिंब – किसी प्रकाश स्रोत से आ रही प्रकाश की किरणें परावर्तन या अपवर्तन के बाद जिस बिंदु पर मिलती है उस बिंदु को उस वस्तु का वास्तविक प्रतिबिंब कहते हैं।
2. काल्पनिक प्रतिबिंब – किसी प्रकाश स्रोत से आ रही प्रकाश की किरणें परावर्तन या अपवर्तन के बाद जिस बिंदु पर मिलती हुई प्रतीत होता है उस बिंदु को इस वस्तु का काल्पनिक प्रतिबिंब कहते हैं।
Q. वास्तविक प्रतिबिंब और काल्पनिक प्रतिबिंब में अंतर लिखें?
उतर-
वास्तविक प्रतिबिंब – यह वास्तविक कटान से बनता है , यह हमेशा उल्टा बनता है ,इसे पर्दे पर उतारा जा सकता है , यह दर्पण के सामने बनता है।
काल्पनिक प्रतिबिंब – यह काल्पनिक कटान से बनता है , यह हमेशा सीधा बनता है , इसे पर्दे पर नहीं उतारा जा सकता है , यह दर्पण के पीछे बनता बनता है।
Q. विपरिवर्तन किसे कहते हैं?
उतर- यह एक ऐसी घटना है जिसके कारण किसी वस्तु का प्रतिबिंब छैतीज अक्ष के परिचय 180 डिग्री के कोण पर घूम जाता है अर्थात वस्तु का ऊपर वाला भाग नीचे हो जाता है।
Q. पाशर्व विपरिवर्तन किसे कहते हैं?
उतर- यह एक ऐसी घटना है जिसके कारण किसी वस्तु का प्रतिबिंब उदग्र अक्ष के परिचय 180 डिग्री के कोण पर घूम जाता है अर्थात वस्तु का दाया वाला भाग वाया हो जाता है।
Q. दर्पण किसे कहते हैं?
उतर- वैसा चिकना और चमकीला सतह जो प्रकाश के परावर्तन के नियम का पालन करता है तथा जिसका एक भाग आवश्य ही रंगा हो ,दर्पण कहते है | दर्पण मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं:-
1. समतल दर्पण
2.गोलीय दर्पण
3.पखलय दर्पण
Q. समतल दर्पण किसे कहते हैं?
उतर- वैसा दर्पण जिसका परावर्तक सतह समतल हो समतल दर्पण कहलाता है ,इसमें बना प्रतिबिंब हमेशा सीधा काल्पनिक और बराबर बनता है।
Q. गोलीय दर्पण किसे कहते हैं?
उतर- ऐसा दर्पण जिसका परावर्तक सत्ता एक खोखले गोले का भाग होता है गोलीय दर्पण कहलाता है , यह मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं :-
- अवतल दर्पण
- उत्तल दर्पण
Q. अवतल दर्पण किसे कहते हैं ?
उतर- वैसा दर्पण जिसका परावर्तक सतह धसा हो ,अवतल दर्पण कहलाता है।
Q. उत्तल दर्पण किसे कहते हैं?
उतर- वेसा दर्पण जिसका परावर्तक सतह उभरा हो उत्तल दर्पण कहलाता है।
Q. गोलीय दर्पण से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु क्या है ?
उतर-
1.ध्रुव
2.वक्रता केंद्र
3.वक्रता त्रिज्या
4.फोकस
5.फोकस दूरी
6.प्रधान अक्ष
7. द्वारक
Q.वक्रता केंद्र किसे कहते हैं ?
उतर- दर्पण खोखले गोले का बना होता है उसके केंद्र को वक्रता केंद्र कहते हैं, इसे c सूचित किया जाता है।
Q. दर्पण का ध्रुव किसे कहते हैं?
उतर-दर्पण के मध्य बिंदु को दर्पण का ध्रुव कहा जाता है , इसे p से सूचित किया जाता है।
Q. प्रधान अक्ष किसे कहते हैं ?
उतर- गोलीय दर्पण की वक्रता केंद्र और ध्रुव से होकर जाने वाली रेखा को प्रधान अक्ष कहते हैं , इसे x, x’ से सूचित किया जाता है।
Q. दर्पण का द्वारक किसे कहते हैं ?
उतर- दर्पण की चौड़ाई को दर्पण का द्वारक कहते हैं।
Q. वक्रता त्रिज्या किसे कहते हैं ?
उतर- गोलीय दर्पण के वक्रता केंद्र और उसके ध्रुव के बीच की दूरी को वक्रता त्रिज्या कहते हैं , इसे r से सूचित करते हैं।
Q. अवतल दर्पण का दूसरा नाम क्या है?
उतर- अभिसारी दर्पण
Q. उत्तल दर्पण का दूसरा नाम क्या है?
उतर- अपसारी दर्पण
Q. गोलीय दर्पण का फोकस किसे कहा जाता है?
उतर-गोलीय दर्पण के प्रधान उसके समानांतर आती प्रकाश की किरने परावर्तन के बाद प्रधान अक्ष के इस बिंदु पर मिलती है या मिलती हुई प्रतीत होती है उस बिंदु को ही गोलीय दर्पण का फोकस कहा जाता है, इसे f से सूचित करते हैं।
Q. फोकस दूरी किसे कहते हैं?
उतर- गोलीय दर्पण की फोकस और ध्रुव के बीच की दूरी को फोकस दूरी कहते हैं।
Q. अवतल दर्पण का फोकस दूरी चिन्ह में कैसा होता है ?
उतर-ऋण आत्मक
Q.उत्तल दर्पण का फोकस दूरी चिन्ह में कैसा होता है ?
उतर-धनात्मक
Q. गोलीय दर्पण में चिन्ह का निर्धारण कहां से किया जाता है?
उतर- ध्रुव
Q. अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण में वस्तु का दूरी का चिन्ह कैसे होता है?
उतर- ऋण आत्मक
Q.गोलीय दर्पण की फोकस दूरी और वक्रता त्रिज्या में कैसा संबंध होता है?
उतर- F=R/2
Q. अवतल दर्पण को अभिसारी दर्पण क्यों कहा जाता है?
उतर- अवतल दर्पण के प्रधान के समानांतर आती प्रकाश की किरणें परावर्तन के बाद एक बिंदु पर जमा हो जाती है इसलिए अवतल दर्पण को अभिसारी दर्पण कहा जाता है।
Q.उत्तल दर्पण को अपसारी दर्पण क्यों कहा जाता है?
उतर- उत्तल दर्पण के प्रधान अक्ष के समांतर आती प्रकाश की किरणें परावर्तन के बाद एक बिंदु से फैलती हुई प्रतीत होती है इसलिए उत्तल दर्पण को अपसारी दर्पण कहा जाता है।
Q. गोलीय दर्पण में बनने वाले किरण आरेख के लिए नियम क्या है?
उतर- गोलीय दर्पण में बनने वाले किरण आने के लिए 4 नियम है:-
(1) जब आपतीत प्रकाश की किरने प्रधान अक्ष के समानांतर भेजी जाती है तो परावर्तन के बाद फोकस से होकर जाती है।
(2) जब आपतीत प्रकाश की किरणों की वक्रता केंद्र से भेजा जाता है तो परावर्तन के बाद अपनी ही रास्ते पर लौट जाती है ।
(3) जब आपतित प्रकाश की किरणों की फोकस से भेजा जाता है तो परावर्तन के बाद प्रधान अक्ष के समानांतर हो जाता है।
(4) जब प्रकाश की किरणों को ध्रुव से भेजा जाता है तो आप तन का कोण परावर्तन कोण के बराबर होता है इसमें अभिलंब का कार्य प्रधान अक्ष करता है।
Q. किरण आरेख से संबंधित क्या बात है ?
उतर- (1) जब वस्तु को अनंत पर रखा जाता है तो उसका प्रतिबिंब अवतल दर्पण में फोकस पर बनता है।
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(2) जो वस्तु को अनंत और वक्रता केंद्र के बीच रखा जाता है तो उसका प्रतिबिंब अवतल दर्पण में वक्रता केंद्र और फोकस के बीच बनता है।
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(3) जो वस्तु को वक्रता केंद्र पर रखा जाता है तो उसका प्रतिबिंब अवतल दर्पण में वक्रता केंद्र पर ही बनता है।
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(4) जब वस्तु को वक्रता केंद्र और फोकस के बीच रखा जाता है तो उसका प्रतिबिंब अवतल दर्पण में अनंत और वक्रता केंद्र के बीच बनता है।
fig.
(5) जब वस्तु को फोकस पर रखा जाता है तो उसका प्रतिबिंब अवतल दर्पण में अनंत पर बनता है।
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(6) जब किसी वस्तु को फोकस और ध्रुव के बीच रखा जाता है तो उसका प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है।
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(7) जब वस्तु को ध्रुव पर रखा हुआ माना जाता है तो अवतल दर्पण उसका प्रतिबिंब रूप पर ही बनता है।
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Q. अवतल दर्पण एवं उत्तल दर्पण में अंतर लिखें ?
उतर- अवतल दर्पण- वैसा दर्पण जिसका परावर्तक सतह धसा हो अवतल दर्पण कहलाता है, अवतल दर्पण की फोकस दूरी ऋण आत्मक होता है, अवतल दर्पण में बड़ा एवं छोटा प्रतिबिंब बनता है, अवतल दर्पण में सीधा एवं उल्टा प्रतिबिंब बनता है जिसे वास्तविक करते हैं।
उत्तल दर्पण- वैसा दर्पण जिसका परावर्तक सतह उभरा है उत्तल दर्पण कहलाता है, उत्तल दर्पण का फोकस दूरी धनात्मक होता है, उत्तल दर्पण में हमेशा छोटा प्रतिबिंब बनता है, उत्तल दर्पण में सीधा प्रतिबिंब बनता है जिसे काल्पनिक कहा जाता है।
Q. अवतल दर्पण में बनने वाले किरण आरेख को खींचे ?
उतर- (1) जब वस्तु को अनंत पर रखा जाता है
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(2) जब वस्तु को अनंत और वक्रता केंद्र के बीच रखा जाता है
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(3) जब वस्तु को वक्रता केंद्र पर रखा जाता है
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(4) जब वस्तु को वक्रता केंद्र और फोकस के बीच रखा जाएगा
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(5) जब वस्तु को फोकस पर रखा जाएगा
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(6) जब वस्तु को फोकस और धूप के बीच रखा जाएगा
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Q. उत्तल दर्पण में बनने वाले प्रतिबिंब का किरण आरेख?
उतर- जब वस्तु को अनंत पर रखा जाता है
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जब वस्तु को अनंत और ध्रुव के बीच रखा जाता है
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Q. अवतल दर्पण के उपयोग को लिखे ?
उतर- इसके निम्नलिखित उपयोग है:-
हजामती दर्पण के रूप में
रोगियों के नाक,कान, गला देखने में
सोलर कुकर में
सर्च लाइट
टॉर्च
टेबल लैंप इत्यादि
Q. हजामत दर्पण के रूप में अवतल दर्पण का उपयोग क्यों किया जाता है?
उतर- जब अवतल दर्पण में वस्तु को फोकस और धुर्व के बीच रखा जाता है तो इसका प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बड़ा सीधा और काल्पनिक बनता है।
Q. अवतल दर्पण का उपयोग सोलर कुकर में क्यों किया जाता है?
उतर- जब प्रकाश की किरणों को प्रधान अक्ष के समानांतर भेजा जाता है तो परावर्तन के बाद फोकस पर जमा हो जाती है इस गुण के कारण ही अवतल दर्पण का उपयोग सोलर कुकर में किया जाता है।
Q. गाड़ियों के हेड लाइट में अवतल दर्पण का उपयोग क्यों किया जाता है?
उतर- जब प्रकाश की किरण को फोकस से भेजा जाता है तो वह प्रधान अक्स के समानांतर हो जाती है इस गुण के कारण अवतल दर्पण का उपयोग गाड़ियों के हेडलाइट में किया जाता है।
Q. उत्तल दर्पण का उपयोग स्ट्रीट लाइट में क्यों किया जाता है?
उतर- जब प्रकाश की किरणों को प्रधान और उसके समानांतर भेजते हैं तो सभी परावर्तित किरण फोकस से फैलती हुई प्रतीत होती है इस गुण के कारण ही उत्तल दर्पण का उपयोग स्ट्रीट लाइट में किया जाता है।
Q. उत्तल दर्पण का उपयोग साइड मिरर के रूप में क्यों किया जाता है?
उतर-उत्तल दर्पण में बना प्रतिबिंब सीधा एवं छोटा होता है और उत्तल दर्पण का दृष्टि क्षेत्र भी बहुत व्यापक होता है इसीलिए उत्तल दर्पण का उपयोग साइड मिरर के रूप में किया जाता है।
Q. चिन्ह परिपाटी क्या है ?
उतर- गोलीय दर्पण में वस्तु का प्रतिबिंब कभी आगे तो कभी पीछे बनता है कभी उल्टा तो कभी सीधा बनता है इन स्थितियों में अंतर स्पष्ट करने के लिए एक परिपाटी की आवश्यकता हुई जिसे चिन्ह परिपाटी कहा जाता है इस परिपाटी के अनुसार
1. सभी दूरियां ग्रुप में मापी जाती हैं
2. आपतीत किरण की दिशा में मापी गई दूरियां धनात्मक होती है
3.आपतीत किरण की विपरीत दिशा में मापी गई दूरियां ऋण आत्मक होती है
4. प्रधान अक्छ उसके ऊपर धनात्मक माना जाता है
5. प्रधान अक्छके नीचे ऋण आत्मक माना जाता है
fig.
Q. किसी गोलीय दर्पण में बना प्रतिबिंब बड़ा है?
उतर- इसका अर्थ है कि वह अवतल दर्पण है
Q. किसी गोलीय दर्पण में बना प्रतिबिंब 4 गुना है ?
उतर- इसका अर्थ है कि वह अवतल दर्पण है
Q. किसी गोलीय दर्पण में बना प्रतिबिंब दर्पण के पीछे है एवं बड़ा है?
उतर- अवतल दर्पण
Q. किसी गोलीय दर्पण में बना प्रतिबिंब सीधा और छोटा है ?
उतर- उत्तल दर्पण
Q. अवतल दर्पण उत्तल दर्पण एवं समतल दर्पण की पहचान स्पर्श करके एवं बिना स्पर्श किए हुए कैसे करते हैं?
उतर- मेज पर रखे तीन दर्पनों को बारी-बारी से स्पर्श करने पर पता चलता है कि
1.जिसका परावर्तक सतह घटा है वह अवतल दर्पण है
2.जिसका परावर्तक सतह है उभरा हुआ है उत्तल दर्पण है
3.जिसका परावर्तक सतह समतल है वह समतल दर्पण है
इसके लिए बाड़ी बाड़ी से दर्पण के सामने वस्तु को लाया जाता है और नीचे नजदीक और दूर करके प्रतिबिंब का अवलोकन किया जाता है
1.जिस दर्पण के सामने वस्तु का प्रतिबिंब बड़ा व छोटा दोनों बनता है वह अवतल दर्पण होगा
2.जिस दर्पण के सामने वस्तु का प्रतिबिंब हमेशा छोटा बनता है वह उत्तल दर्पण होगा
3.जिस दर्पण के सामने वस्तु का प्रतिबिंब बराबर बनता है वह समतल दर्पण होगा
Q. एक अवतल दर्पण के सामने कागज के टुकड़े को कहां पर रखा जाए कि वह जलने लगे यह घटना क्यों होती है कारण लिखें ?
उतर- फोकस पर रखने से कागज जलने लगता है क्योंकि अवतल दर्पण में प्रधान अक्ष के समानांतर आती प्रकाश की किरने परावर्तन के बाद एक बिंदु पर जमा होती है तथा वह फोकस से गुजरती है इसलिए कागज जलने लगता है